शनिवार, 30 अप्रैल 2011

इंसान हूँ मैं !!

अपनी ही महफ़िल में खड़ा मेहमान सा हूँ मैं,
अपने इन हबीबों से भी तो हुआ अनजान सा हूँ मैं,
अरे लोगों न करो गलती मुझे जिंदा समझने की,
इस सीने के भीतर ज़रा बेजान सा हूँ मैं |

मेरे फ़न ने दीं जब से मुझे बदनामियाँ मेरी,
तन्हाँ कर गयी तब से मुझे तन्हाईयाँ मेरी.
हाँ हूँ शायर मैं लेकिन ज़रा ये भी तो सुन लो सब,
उनके शहर की गलियों में ज़रा बदनाम सा हूँ मैं |

मेरे इश्क ने मुझको दीवाना कर दिया ऐसा,
न रहा इस जहाँ में कोई पागल मेरे जैसा |
ए लोगों चलो माना ये भी के  वहशी हूँ मैं लेकिन,
ज़रा बाक़ी है मुझमे इंसानियत ज़रा इंसान सा हूँ मैं |


ज़रा बाक़ी है मुझमे इंसानियत ज़रा इंसान सा हूँ मैं | 

रविवार, 10 अप्रैल 2011

Sorry


I am sorry, coz I am not that,
O My Dear! what you want me to be.
& I am sorry, coz I don't have,
all the things that u want in me.

I am sorry, coz sometimes
I can't understand you.
& also for neglecting
the things that u want me to see.

I can change myself for you,
this is sure,
& more than anything i want thee.

But getting you will be of no worth,
O My Love! if I am not me.....

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